आपको फ्लैट खरीदना हो या जमीन उसके मालिक और संपत्ति से जुड़ी जानकारियां जुटाना बहुत जरूरी है.
अगर वह संपत्ति किसी विवाद में है तो आपका पूरा पैसा डूब सकता है. लिहाजा ऐसे किसी चीज में पैसे लगाने से पहले उसकी पूरी जांच कर लेना बहुत जरूरी है.
जमीन धोखाधड़ी से बचने के लिए सबसे पहले सही ब्रोकर ढूंढे। सही ब्रोकर आपका सही सलाहकार बन सकता है।
1. संपत्ति के मालिकाना हक की जांच।
टाइटल डीड सबसे महत्वपूर्ण दस्तावेजों में से एक है जिसे घर या जमीन खरीदने से पहले सत्यापित किया जाना चाहिए.
इससे पता चलता है कि संबंधित संपत्ति के स्वामित्व हस्तांतरण, विभाजन, रूपांतरण, उत्परिवर्तन आदि के संबंध में कोई समस्या नहीं है.
साथ ही जिस भूमि पर मकान या फ्लैट बना है वह कानूनी रूप से खरीदी गई है. आप चाहें तो किसी वकील से इस दस्तावेज को सत्यापित कर सकते हैं.
2. लोन से जुड़े दस्तावेजों की पड़ताल ।
संपत्ति खरीदने से पहले यह जरूर देख लेना कि उस पर किसी बैंक का कर्ज बकाया तो नहीं है
साथ ही नगर निगम की टैक्स देनदारी की भी पड़ताल कर लेनी चाहिए. आप संपत्ति से जुड़ी इस तरह की जानकारियां सब रजिस्ट्रार ऑफिस से प्राप्त कर सकते हैं.
इससे आपको संपत्ति के 30 साल का इतिहास पता चल जाएगा.
3. कमेंसमेंट सर्टिफिकेट ।
इसे कंस्ट्रक्शन क्लीयरेंस सर्टिफिकेट के रूप में भी जाना जाता है. यह दस्तावेज अनिवार्य है जब आप किसी डेवलपर से निर्माणाधीन संपत्ति खरीद रहे हों.
यह किसी बिल्डर का फ्लैट, जमीन या मकान हो सकता है. इस सर्टिफिकेट में स्थानीय अधिकारियों से आवश्यक मंजूरी, लाइसेंस और अनुमति मिलने के बाद ही निर्माण शुरू होने के प्रमाण होते हैं.
4. कब्जा (ऑक्यूपेंसी) या ओसी प्रमाणपत्र यह सर्टिफिकेट ।
प्रोजेक्ट का निर्माण पूरा होने के बाद ही स्थानीय अधिकारियों की ओर से जारी किया जाता है. इससे यह तस्दीक रहती है कि निर्माण की गई संपत्ति किसी भी तरह के कानूनी नियम का उल्लंघन नहीं करती. इसमें पानी, सीवेज और बिजली कनेक्शन से जुड़ी जानकारी भी रहती है.