आप अपनी जीवनभर की कमाई से बचाए गए पैसे का एक हिस्सा घर बनाने में खर्च करते हैं, इसलिए यह जरूरी है कि आप सबसे पहले प्लान कर लें, क्योंकि निर्माण कार्य शुरू करने से पहले बजट बनाने से, बाद में बहुत बचत होती है। कई लोग खुद से घर बनवाने को तवज्जो देते हैं लेकिन इससे काफी नुसकान होता है। घर के बेहतरीन मेटेरियल और एक बेहतरीन घर कैसे बनाया जाये इसका जानकारी भी काम होती है। इसी लिए एक घर को सही इंजीनियर के मदद से ही बनवानी चाहिए जो आपके घर को मजबूत और बेहतरीन डिज़ाइन दे पाए।
सिविल कॉस्ट
सिविल कॉस्ट में खंभे का निर्माण, दीवार, छत, बाउंड्री वॉल, पैराफिट, फर्श का काम और पलस्तर में इस्तेमाल होने वाला कच्चा माल शामिल है. कच्चे माल में मुख्य रूप से ईंटें, सीमेंट, कंक्रीट, रेत और आरसीसी स्टील शामिल है.
हालांकि, कच्चे माल की मात्रा बताना आमतौर पर मुश्किल होता है क्योंकि यह काफी हद तक संरचना के डिजाइन पर निर्भर करता है. इसके अलावा, शटरिंग, ठेकेदार और लेबर चार्ज भी सिविल कॉस्ट का हिस्सा है.
फिनिशिंग कॉस्ट
फिनिशिंग के काम में दरवाजे, खिड़की, लकड़ी का काम, इलेक्ट्रिक फिटिंग, सैनेट्री फिटिंग्स, पॉप और ग्रिल वर्क शामिल होता है. फिनिशिंग की लागत 500 रुपये प्रति वर्ग फुट से 3000 रुपये प्रति वर्ग फुट के बीच हो सकती है. हालांकि इसमें सुविधाएं और लग्जरी भी शामिल होती है.
भारत में निर्माण की औसत लागत (2023)
लागत | 1,000 वर्ग फुट के घर के लिए औसत लागत |
आर्किटेक्ट | 15,000 रुपये से शुरू |
ईंट की दीवार निर्माण (आरसीसी के बिना) | 800 रुपये प्रति वर्ग फुट |
आरसीसी के साथ ईंट की दीवार का निर्माण | 900 रुपये प्रति वर्ग फुट |
सिविल वर्क | 1,500 रुपये प्रति वर्ग फुट |
इलेक्ट्रीशियन/प्लम्बर | 2,500 रुपये प्रति वर्ग फुट |
कच्चे माल की लागत | 7 लाख रु |
दिए गए सरे बाटे अनुमानित है। घर निर्माण की प्रक्रिया में आप सही इंजिनीअर से कांटेक्ट करे और अपने बजट के हिसाब से प्लानिंग करे।
घर को खुद से निर्माण करने के बजाये कॉन्ट्रैक्ट पे दे ताकि इंजिनीअर अपने एक्सप्रिएंस से दादिया और मजबूत घर बनाएंगे। जिसमे छोटी छोटी गलतियों को भी ध्यान में रखेंगे।